Uttarkashi Cloudburst: हर्षिल और धराली में सेना कैसे लोगों को कर रही है रेस्क्यू, सेंट्रल कमान के चीफ ऑफ स्टाफ ने दी जानकारी | Relief and rescue operations intensify in Dharali-Harsil army rapid operation continues

सेंट्रल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने कहा कि पहले रिएक्शन के रूप में हर्षिल में हमारी पैदल सेना बटालियन घटना के 15 मिनट के भीतर कमांडिंग ऑफिसर के नेतृत्व में पहुंच गई. यह हमारे कुछ कर्मियों के प्रभावित होने के बावजूद था.
Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में आई आपदा पर सेना ने जानकारी दी है. मध्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ फ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने कहा कि भारतीय सेना ने नागरिक प्रशासन, भारतीय वायुसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है.
सेंट्रल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने कहा कि पहले रिएक्शन के रूप में हर्षिल में हमारी पैदल सेना बटालियन घटना के 15 मिनट के भीतर कमांडिंग ऑफिसर के नेतृत्व में पहुंच गई. यह हमारे कुछ कर्मियों के प्रभावित होने के बावजूद था. तब से अतिरिक्त कॉलम तैनात किए गए हैं. आगरा से हमारे विशेष बल, AN32 और C-295 विमानों में उड़ाए गए हैं. चिकित्सा उपकरण ले जाए गए हैं. इंजीनियरों ने विशेष उपकरण ले जाए हैं र संचार लाइनों को साफ करने के प्रयासों के साथ बीआरओ के साथ एक इंजीनियर टास्क फोर्स तैनात की गई है.
#WATCH | Lucknow, UP: On th rescue operations in Dharali and Harsil in Uttarkashi, Lt Gen Navin Sachdeva, Chief of Staff, Central Command, says, “In complete synergy with civil administration, Indian Air Force, NDME and ITBP, the Indian Army has intensified the joint relief… pic.twitter.com/9RHYkofazX
— ANI (@ANI) August 7, 2025
पर्यटकों को एयरलिफ्ट किया जा रहा
उन्होंने कहा कि एसएआरर कुत्तों को शामिल किया गया है जिसमें उन्हें एयरलिफ्ट करना भी शामिल है. फंसे हुए स्थानीय लोगों और पर्यटकों को राशन एयरलिफ्ट किया जा रहा है. हमारे सिग्नलर्स संचार व्यवस्था बहाल करने में जुटे हैं, जिसके लिए सैटेलाइट फ़ोन उपलब्ध कराए गए हैं. हताहतों को निकालने का काम जारी है. भारतीय सेना ने देहरादून और जोशीमठ में संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं और हर्षिल तथा धराली में भी पूरी तरह से सक्रिय है. घायलों को निकालने और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जा रही है.
धराली में फटा बादल
धराली गांव के पास 5 अगस्त को बादल फटने के बाद खीरगंगा नदी के पानी के साथ मलबा भी बहकर आया. जिसने सैकड़ों घरों को अपनी चपेट में लिया. उत्तराखंड के धराली में हुए हादसे में अब तक 3 मौतों की पुष्टि हो चुकी है. 70 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. अभी भी 50 से ज्यादा लोग लापता हैं. एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और 8 जवान लापता हैं.