कौन थे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ? जिनपर NCERT सिलेबस में होगा चैप्टर | Who was Field Marshal Sam Maneksha There will be a chapter on him in NCERT syllabus

इस साल से NCERT पाठ्यक्रम में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा के जीवन और बलिदान पर आधारित अध्यायों को शामिल किया गया है.
NCERT New Syllabus: इस साल से NCERT पाठ्यक्रम में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा के जीवन और बलिदान पर आधारित अध्यायों को शामिल किया गया है. कक्षा आठ (उर्दू), कक्षा सात (उर्दू) और कक्षा आठ (अंग्रेजी) में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में जोड़े गए हैं.
नए अध्यायों का उद्देश्य छात्रों को साहस और कर्तव्य की प्रेरक कहानियां प्रदान करना है. फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, भारत के पहले फील्ड मार्शल अधिकारी, जिन्हें फील्ड मार्शल का पद दिया गया था को उनके असाधारण नेतृत्व और रणनीतिक कौशल के लिए याद किया जाता है.
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा, जिन्हें महावीर चक्र और परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था,ने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी और सर्वोच्च बलिदान के प्रतीक बने हुए हैं.
Chapters on the lives and sacrifices of Field Marshal Sam Manekshaw, Brigadier Mohammad Usman, and Major Somnath Sharma have been added to the NCERT syllabus in this academic year, in Class VIII (Urdu), Class VII (Urdu), and Class VIII (English), respectively.
The newly…
— ANI (@ANI) August 7, 2025
फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ
भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, जिन्हें प्यार से ‘सैम बहादुर’ कहा जाता है, भारतीय सेना के इतिहास में एक अमर नाम हैं. उनकी असाधारण नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक कुशलता ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत को ऐतिहासिक विजय दिलाई. उनकी बुद्धिमत्ता, साहस और सैनिकों के प्रति समर्पण ने उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाया.
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान नन्हा का शेर
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान, जिन्हें ‘नन्हा का शेर’ के नाम से जाना जाता है, ने 1947-48 के भारत-पाक युद्ध में अपनी वीरता और बलिदान से देश का मान बढ़ाया. जम्मू-कश्मीर के नौशेरा क्षेत्र में दुश्मनों से लोहा लेते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी. उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. कक्षा सातवीं (उर्दू) में उनके जीवन पर आधारित अध्याय छात्रों को उनके अदम्य साहस और देशभक्ति की भावना से परिचित कराएगा.
मेजर सोमनाथ शर्मा
मेजर सोमनाथ शर्मा भारत के पहले परम वीर चक्र विजेता थे, जिन्होंने 1947 में कश्मीर घाटी में दुश्मनों के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर किए. उनकी वीरता और नेतृत्व ने भारतीय सेना को एक कठिन परिस्थिति में विजय दिलाई. कक्षा आठवीं (अंग्रेजी) के पाठ्यक्रम में शामिल उनका अध्याय छात्रों को उनके बलिदान और देश के प्रति उनके अटूट समर्पण की कहानी से रूबरू कराएगा.